केंद्र सरकार ने 14 खरीफ फसलों की मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) बढ़ा दी है। केंद्रीय कैबिनेट में बुधवार को यह फैसला लिया गया। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि धान की नई MSP 2,300 रुपए तय की गई है, जो पिछली MSP से 117 रुपए ज्यादा है।
कपास की नई MSP 7,121 रुपए तय की गई है। इसकी एक दूसरी किस्म की नई MSP 7,521 रुपए कर दी गई है, जो पहले से 501 रुपए ज्यादा है। वैष्णव ने बताया ने कि देश में 2 लाख नए गोदाम बनाए जाएंगे।
नई MSP से सरकार पर 2 लाख करोड़ रुपए का बोझ बढ़ेगा। यह पिछले फसल सीजन की तुलना में 35 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि MSP फसल की लागत का कम से कम 1.5 गुना होनी चाहिए।
तुअर दाल की MSP में 400 रुपए की बढ़ोतरी
केंद्रीय कैबिनेट ने मक्का और दालों की मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) में बढ़ोतरी को भी मंजूरी दी है। तुअर दाल की MSP को 550 रुपए प्रति क्विंटल और उड़द दाल की MSP को 450 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाने को मंजूरी दी है।
इसके बाद अब तुअर दाल की MSP बढ़कर 7550 रुपए प्रति क्विंटल और उड़द दाल की MSP 7400 रुपए प्रति क्विंटल हो गई है। इसके साथ ही मक्का की MSP 135 रुपए प्रति क्विंटल और मूंग की MSP 124 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाई गई है।
क्या है MSP या मिनिमम सपोर्ट प्राइस
न्यूनतम समर्थन मूल्य वो गारंटीड मूल्य है जो किसानों को उनकी फसल पर मिलता है। भले ही बाजार में उस फसल की कीमतें कम हो। इसके पीछे तर्क यह है कि बाजार में फसलों की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव का असर किसानों पर न पड़े। उन्हें न्यूनतम कीमत मिलती रहे।
सरकार हर फसल सीजन से पहले CACP यानी कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइजेज की सिफारिश पर MSP तय करती है। यदि किसी फसल की बम्पर पैदावार हुई है तो उसकी बाजार में कीमतें कम होती हैं, तब MSP उनके लिए फिक्स एश्योर्ड प्राइस का काम करती है। यह एक तरह से कीमतें गिरने पर किसानों को बचाने वाली बीमा पॉलिसी की तरह काम करती है।
MSP में 23 फसलें शामिल हैं:
- 7 प्रकार के अनाज (धान, गेहूं, मक्का, बाजरा, ज्वार, रागी और जौ)
- 5 प्रकार की दालें (चना, अरहर/तुअर, उड़द, मूंग और मसूर)
- 7 तिलहन (रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी, तिल, कुसुम, निगरसीड)
- 4 व्यावसायिक फसलें (कपास, गन्ना, खोपरा, कच्चा जूट)
खरीफ की फसलों में कौन-कौन सी फसलें आती हैं?
धान (चावल), मक्का, ज्वार, बाजरा, मूंग, मूंगफली, गन्ना, सोयाबीन, उडद, तुअर, कुल्थी, जूट, सन, कपास आदि। खरीफ की फसलें जून जुलाई में बोई जाती हैं। सितंबर-अक्टूबर में इनकी कटाई होती है।