प्रयागराज में महाकुंभ के तीसरे और अंतिम अमृत स्नान के दौरान आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। साधु-संत पारंपरिक वेशभूषा में तलवार, गदा, डमरू और शंख लेकर हर-हर महादेव के जयघोष के साथ संगम पहुंचे।
सबसे पहले पंचायती निरंजनी अखाड़े के संतों ने स्नान किया, इसके बाद जूना अखाड़े और किन्नर अखाड़े के संतों ने संगम में डुबकी लगाई। अब तक 13 में से 10 अखाड़े अमृत स्नान कर चुके हैं। संतों का आशीर्वाद लेने के लिए लाखों श्रद्धालु संगम पर मौजूद हैं। कई लोग नागा साधुओं के चरणों की रज माथे पर लगा रहे हैं।
इस भव्य आयोजन को देखने के लिए 30 से अधिक देशों के लोग प्रयागराज पहुंचे हैं। हेलिकॉप्टर से 20 क्विंटल फूलों की वर्षा की गई। संगम जाने वाले सभी रास्तों पर 10 किलोमीटर तक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी हुई है। प्रयागराज जंक्शन से लोग 8-10 किलोमीटर पैदल चलकर संगम तक पहुंच रहे हैं। भीड़ को देखते हुए लेटे हनुमान मंदिर को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है, जबकि मेला क्षेत्र में सभी रास्ते वन-वे कर दिए गए हैं।
महाकुंभ का आज 22वां दिन है और दोपहर 12 बजे तक 1.63 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके थे। अब तक कुल 34.97 करोड़ से ज्यादा लोग संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं।
श्रृंखलाबद्ध भीड़ प्रबंधन के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं। 60 हजार से अधिक सुरक्षाकर्मी तैनात हैं, जिनमें 100 से ज्यादा नए आईपीएस अधिकारी शामिल हैं। हेलिकॉप्टर से भीड़ की निगरानी की जा रही है, साथ ही 2750 सीसीटीवी कैमरों से पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है। लखनऊ में सीएम आवास पर विशेष कंट्रोल रूम बनाया गया है, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तड़के 3 बजे से ही डीजीपी और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं।