राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सोमवार को प्रश्नकाल की शुरुआत के साथ ही सदन में हंगामा मच गया। कानून और संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली की टिप्पणी पर गाली दे दी, जिससे विपक्ष भड़क उठा।
शुरुआत में इस घटना पर किसी का ध्यान नहीं गया, लेकिन लंच के बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इसे सदन में उठाया और कड़ी आपत्ति जताई। इसके बाद मंत्री जोगाराम पटेल को माफी मांगनी पड़ी, जिससे मामला शांत हुआ।
फसल खराबे पर सवाल के दौरान हुआ विवाद
कांग्रेस विधायक चेतन पटेल ने बाढ़ से फसल खराबे को लेकर सवाल पूछा था, जिसका जवाब ग्रामीण विकास राज्य मंत्री ओटाराम देवासी दे रहे थे। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कोटा के सांगोद क्षेत्र का डेटा मांगा, जिससे सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बहस छिड़ गई। इसी दौरान मंत्री जोगाराम पटेल उत्तेजित हो गए और गाली दे दी।
डोटासरा ने जताई नाराजगी, मंत्री ने दी सफाई
लंच के बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, “हम यहां जनता के मुद्दों को उठाने आते हैं, गाली खाने के लिए नहीं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि संसदीय कार्य मंत्री ही विपक्ष के नेता को गाली दें।”
इसके जवाब में मंत्री जोगाराम पटेल ने सफाई दी, “मेरा किसी को अपमानित करने का इरादा नहीं था। अगर उत्तेजना में कुछ गलत बोल गया हो तो इसे रिकॉर्ड से हटा दिया जाए। मैं इसके लिए सॉरी महसूस करता हूं।”
विपक्ष की मांग- माफी मांगें मंत्री
डोटासरा ने पलटवार करते हुए कहा, “अगर आपने कहा ही नहीं तो डिलीट क्या करवा रहे हैं? और अगर कहा है तो माफी क्यों नहीं मांग रहे?” इस पर मंत्री पटेल ने दोहराया कि उन्होंने जानबूझकर ऐसा कुछ नहीं कहा, लेकिन अगर कुछ गलत निकला है तो वह इसके लिए खेद व्यक्त करते हैं।
पहले भी विधानसभा में गाली को लेकर विवाद
यह पहली बार नहीं है जब राजस्थान विधानसभा में गाली-गलौज को लेकर विवाद हुआ हो। पिछले बजट सत्र में पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने भी गाली दी थी, जिसके चलते उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी और एक दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया था।
विधानसभा में इस तरह की घटनाओं को लेकर विपक्ष ने सत्ताधारी दल पर निशाना साधते हुए कहा कि सत्ता पक्ष को सदन की गरिमा बनाए रखनी चाहिए।