लोकसभा में राहुल गांधी का हमला,बेरोजगारी से लेकर चीन और ‘मेक इन इंडिया’ तक उठाए सवाल

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लोकसभा में बजट सत्र के तीसरे दिन नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपने भाषण में सरकार की नीतियों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने बेरोजगारी, मेक इन इंडिया, वोटर्स डेटा, चीन की घुसपैठ और भाजपा की विचारधारा जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी।

राहुल बोले – ‘मेक इन इंडिया’ अच्छा विचार, लेकिन सरकार असफल रही

राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘मेक इन इंडिया’ योजना को अच्छा विचार बताया, लेकिन कहा कि इसका वादा पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री को दोष नहीं दे रहा, लेकिन यह सच है कि वे असफल रहे।”

उन्होंने आंकड़े पेश करते हुए कहा कि 2014 में देश की मैन्युफैक्चरिंग जीडीपी में 15.3% थी, जो अब घटकर 12.6% रह गई है— यह 60 साल में सबसे कम है।

बेरोजगारी पर अपनी ही सरकार को घेरा

राहुल गांधी ने न सिर्फ भाजपा सरकार बल्कि यूपीए सरकार की भी आलोचना की। उन्होंने कहा, “बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है, और इसे न यूपीए सरकार हल कर पाई, न एनडीए सरकार।”

वोटर डेटा में गड़बड़ी का आरोप

राहुल गांधी ने लोकसभा चुनावों के वोटर डेटा में बड़े पैमाने पर हेरफेर का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच 5 महीने में हिमाचल प्रदेश जितने नए वोटर जोड़े गए। उन्होंने मांग की कि इलेक्शन कमीशन को लोकसभा की वोटर लिस्ट इलेक्ट्रॉनिकली सार्वजनिक करनी चाहिए।

चीन की घुसपैठ पर सरकार से जवाब मांगा

राहुल गांधी ने सरकार पर आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी ने चीन की घुसपैठ को स्वीकार नहीं किया, जबकि भारतीय सेना खुद इस पर आपत्ति जता चुकी है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री कहते हैं कि चीन ने घुसपैठ नहीं की, लेकिन हमारे चीफ ऑफ डिफेंस कह रहे हैं कि चीन ने कब्जा कर लिया है।”

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इस पर कहा कि राहुल को अपने दावे का सबूत पेश करना होगा।

‘संविधान और विचारधारा पर भाजपा का दोहरा रवैया’

राहुल गांधी ने भाजपा पर सरदार पटेल, आंबेडकर और बुद्ध की विचारधारा को खत्म करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “आप आंबेडकर और पटेल की बातें करते हैं, लेकिन उनके मूल्यों को नष्ट कर रहे हैं।”

राहुल ने RSS और मोहन भागवत का जिक्र करते हुए कहा, “संघ ने कभी नहीं माना कि देश पर संविधान का राज होगा।” इस पर स्पीकर ने आपत्ति जताई और कहा कि संसद में ऐसे व्यक्ति का नाम नहीं लिया जाना चाहिए, जो उसका सदस्य नहीं है।

अमेरिका और मोदी के शपथ ग्रहण विवाद पर तीखी बहस

राहुल गांधी ने कहा कि “अगर भारत में उत्पादन क्षमता होती, तो अमेरिकी राष्ट्रपति खुद हमारे प्रधानमंत्री को शपथ ग्रहण समारोह में बुलाते।” इस पर केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने आपत्ति जताई और कहा कि विपक्ष के नेता को “तथ्यहीन बयान” नहीं देना चाहिए।

राहुल ने जवाब में कहा, “अगर मेरी बात से आपकी मानसिक शांति भंग हुई, तो मैं माफी मांगता हूं।”

प्रियंका गांधी ने की राहुल के भाषण की तारीफ

राहुल गांधी के भाषण के बाद प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया पर उनकी सराहना की। उन्होंने लिखा, “भाषण ऐसा होना चाहिए, जिसमें देश के लिए विजन हो, न कि सिर्फ दोषारोपण। मुझे उनका भाषण बहुत अच्छा लगा।”