खेल मंत्रालय ने कुश्ती संघ को सस्पेंड किया:IOA से एडहॉक कमेटी बनाने को कहा,बजरंग बोले-पद्मश्री वापस नहीं लूंगा

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नई दिल्ली:-पिछले 11 महीनों से विवादों में घिरी रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) की नई बॉडी को खेल मंत्रालय ने रविवार 24 दिसंबर को सस्पेंड कर दिया। खेल मंत्रालय ने भारतीय ओलिंपिक संघ (IOA) से रेसलिंग फेडरेशन के मामलों के मैनेजमेंट के लिए एडहॉक कमेटी बनाने को कहा है।

3 दिन पहले 21 दिसंबर को ही WFI के चुनाव हुए थे, जिसमें भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह नए प्रेसिडेंट बने थे। नए अध्यक्ष की जीत के बाद WFI ने 28 दिसंबर से उत्तर प्रदेश के गोंडा में जूनियर नेशनल चैंपियनशिप टूर्नामेंट करने की घोषणा की थी। गोंडा भाजपा सांसद बृजभूषण का संसदीय क्षेत्र है। रेसलर्स ने बृजभूषण पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। खेल मंत्रालय के WFI की नई टीम पर कार्रवाई के पीछे इसी को वजह माना जा रहा है।

खेल मंत्रालय के इस फैसले पर साक्षी मलिक की मां कृष्णा मलिक ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा- मेरी बेटी कुश्ती से संन्यास के फैसले पर दोबारा विचार करेगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री आवास के बाहर फुटपाथ पर पद्मश्री रखकर आए पहलवान बजरंग पूनिया ने सम्मान वापस लेने से इनकार कर दिया है। बजरंग ने कहा- मैं पद्मश्री वापस नहीं लूंगा, न्याय मिलने के बाद ही मैं इस बारे में विचार करूंगा।

बृजभूषण के करीबी की जीत के विरोध में ओलिंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास का ऐलान कर दिया था। पहलवान बजरंग पूनिया ने भी पद्मश्री लौटा दिया था। गूंगा पहलवान ने भी पद्मश्री लौटाने की घोषणा कर दी थी।

WFI की पिछली बॉडी में बृजभूषण के अध्यक्ष रहते संजय सिंह जॉइंट सेक्रेटरी थे। संजय सिंह चुनाव में कॉमनवेल्थ चैंपियन अनीता सिंह श्योराण को हराकर नए अध्यक्ष बने थे। संजय की जीत के बाद बृजभूषण के बेटे ने कहा था कि हमारा दबदबा पहले था और आगे भी रहेगा।

अगले आदेश तक IOA देखेगा WFI का मैनेजमेंट – खेल मंत्रालय
खेल मंत्रालय ने IOA प्रेसिडेंट को लेटर दिया है, जिसमें कहा है कि WFI के मामलों को नेशनल स्पोर्ट्स डेवलपमेंट कोड के मुताबिक नियंत्रित किया जाए। अगले आदेश तक IOA खिलाड़ियों की एंट्रीज, सिलेक्शन, इंटरनेशनल इवेंट्स और स्पोर्ट्स एक्टिविटी सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी निभाए।

मंत्रालय ने आगे कहा कि रेसलिंग ओलिंपिक स्पोर्ट है और फेडरेशन IOA का मेंबर है। WFI के पूर्व पदाधिकारियों का अब भी कंट्रोल होने की वजह से फेडरेशन में गंभीर चिंता पैदा हो गई है। इस कारण IOA को एडहॉक कमेटी बनाने के लिए कहा गया है।

संजय सिंह बोले- हमने नियमों का उल्लंघन नहीं किया
संजय सिंह ने खेल मंत्रालय के एक्शन पर आश्चर्य जताया। उन्होंने कहा- हमने नियमों का उल्लंघन नहीं किया है, हम सरकार से WFI का सस्पेंशन रद्द करने की मांग करेंगे। अगर सस्पेंशन नहीं हटाया गया तो हम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।

संजय सिंह ने आगे कहा- मैंने कहीं भी पहलवानों का कोई अपमान नहीं किया। मैं गोंडा जिले के नंदनी नगर स्पोर्ट्स स्टेडियम में 3 दिवसीय नेशनल कुश्ती चैंपियनशिप का आयोजन किया था, ताकि अंडर-15 और अंडर- 20 के बच्चों का साल न बर्बाद हो और वह कुश्ती चैंपियनशिप में हो जाएं।

वहीं, बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने दैनिक भास्कर ने कहा कि इस मामले को लेकर मुझे अभी कोई नहीं बयान देना है। मुझे खेल मंत्रालय की तरफ से अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है। जैसे ही खेल मंत्रालय से मेरी बात होती है। आप लोगों को जानकारी दी जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बृजभूषण भाजपा अध्यक्ष नड्‌डा के घर पहुंचे हैं।

साक्षी मलिक ने भी गोंडा में टूर्नामेंट कराए जाने को लेकर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा- मैंने कुश्ती छोड़ दी है पर कल रात से परेशान हूं। वे जूनियर महिला पहलवान क्या करें जो मुझे फोन करके बता रही हैं कि दीदी इस 28 तारीख से जूनियर नेशनल होने हैं और वो नई कुश्ती फेडरेशन ने नन्दनी नगर गोंडा में करवाने का फैसला लिया है।

WFI के चुनाव में संजय सिंह के अध्यक्ष चुने जाने से बृजभूषण के खिलाफ धरना देने वाले रेसलर नाखुश थे। दिल्ली में गुरुवार शाम को रेसलर बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान साक्षी मलिक भावुक हो गईं और कुश्ती छोड़ने का ऐलान कर दिया। उन्होंने अपने जूते उतारकर टेबल पर रख दिए और वहां से उठकर चली गईं।

संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के बाद पहलवान बजरंग पूनिया ने 22 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सोशल मीडिया के जरिए चिट्‌ठी लिखकर पद्मश्री अवॉर्ड लौटाने का ऐलान किया। बजरंग पूनिया ने लिखा कि मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूं। कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है।

इस चिट्‌ठी में बजरंग पूनिया ने भारतीय कुश्ती संघ (WFI) पर बृजभूषण के करीबी संजय सिंह की जीत का विरोध जताया। बजरंग अवॉर्ड लौटाने प्रधानमंत्री आवास पर गए थे, लेकिन अंदर जाने की परमिशन नहीं मिली तो उन्होंने अवॉर्ड वहीं फुटपाथ पर रख दिया।