दिल्ली में यमुना खतरे के निशान से 3 मीटर ऊपर:3 वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद,पीने के पानी का संकट;NDRF की 16 टीमें लगाईं

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नई दिल्ली:-हरियाणा के हथनी कुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ जैसे हालात हैं। गुरुवार शाम 6 बजे तक यमुना का जलस्तर 208.66 मीटर पर पहुंच गया। यह खतरे के निशान 205 मीटर से 3 मीटर ज्यादा है। यह लेवल स्टेबल बना हुआ है।

यमुना वजीराबाद से ओखला तक 22 किमी में है। केंद्रीय जल आयोग को आशंका है कि गुरुवार दोपहर तक जलस्तर 209 मीटर पहुंचने पर ज्यादातर इलाकों में पानी भर जाएगा। यहां NDRF की 12 टीमें तैनात की गई हैं। 2,700 राहत शिविर लगाए गए हैं।

कई इलाके पानी में डूब गए हैं। 5 से 6 फीट तक पानी भर गया है। यमुना नदी के किनारे बसे निचले इलाकों से 16 हजार से ज्यादा लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। दिल्ली सरकार ने एडवाइजरी में कहा कि बाहरी राज्य के लोग दिल्ली में प्रवेश ना करें।

लोगों की मदद के लिए NDRF की 16 टीमें लगाई गई हैं।

सिंघु बॉर्डर, बदरपुर बॉर्डर, लोनी बॉर्डर और चिल्ला बॉर्डर सील कर दिए हैं। भारी मालवाहक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। छोटे वाहनों की एंट्री जारी रहेगी। दिल्ली सरकार ने रविवार तक सभी स्कूल और कॉलेज बंद रखने के आदेश दिए हैं।

बजीराबाद, ओखला और चंद्रावल के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बंद कर दिए गए है। इससे राजधानी के कई इलाकों में पीने के पानी की किल्लत हो सकती है। उधर, सीएम आवास के 500 मीटर तक जलभराव हो गया है। यमुना बाजार, मजनू का टीला, निगम बोध घाट, मोनेस्ट्री मार्केट, वजीराबाद, गीता कॉलोनी और शाहदरा एरिया इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हैं।

दिल्ली में बाढ़ से जुड़े अपडेट्स

  • दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कई इलाकों में पानी भर जाने से रूट्स में बदलाव किया है। यमुना बैंक मेट्रो स्टेशन में एंट्री और एग्जिट को बंद कर दिया गया है।
  • दिल्ली में बाढ़ के हालात से निपटने के लिए NDRF की 12 टीमें तैनात की गई हैं। मध्य, पूर्वी और उत्तर पूर्वी दिल्ली में तीन-तीन टीमें तैनात की गई हैं, जबकि दक्षिण पूर्वी दिल्ली में दो और शाहदरा इलाके में 1 टीम तैनात है।
  • DMRC ने ट्वीट कर बताया कि यमुना के बढ़ते जल स्तर की वजह से एहतियात के तौर पर नदी पर बने सभी चार मेट्रो पुलों से ट्रेनें 30 किमी प्रति घंटे की गति से गुजर रही हैं।
  • खादर क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। बचाव अभियान जारी है। इस इलाके में अभी तक करीब 500 लोगों को रेस्क्यू किया गया है।
  • यमुना नदी में बाढ़ को देखते हुए दिल्ली नगर निगम (MCD) के सभी स्कूल 16 जुलाई तक बंद रखने के निर्देश दिए हैं।
  • बारिश के मद्देनजर लाल किला 14 जुलाई तक सामान्य लोगों के लिए बंद रहेगा।

यमुना में पानी कहां से आता है
यमुना पर दो बैराज हैं। एक देहरादून में डाकपत्थर पर तो दूसरा दिल्ली के अपस्ट्रीम में यमुनानगर के हथिनीकुंड में। यहां कोई बांध नहीं है। हिमाचल, हरियाणा में जब भी तेज बारिश होती है तो यमुना का जलस्तर बढ़ जाता है। इसका असर दिल्ली में होता है। यही वजह रही कि रविवार सुबह 11 बजे दिल्ली में यमुना का जलस्तर 203 मीटर था, जो बढ़कर गुरुवार को 208.53 मीटर तक पहुंच गया।

उधर, हरियाणा में भी 13 जिलों में यमुना का पानी घुस चुका है। 240 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। धीरे धीरे यमुना का पानी आगे की ओर बढ़ रहा है, इससे आज पांच जिले- जींद, फतेहाबाद, फरीदाबाद, पलवल और सिरसा में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। राज्य में अब तक 10 मौतें हो चुकी हैं।

अगले 24 घंटे कैसे रहेंगे…

इन राज्यों में तेज बारिश होगी: मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, बिहार, झारखंड, गोवा, विदर्भ, सौराष्ट्र, कच्छ, सिक्किम, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम, मणिपुर, त्रिपुरा, कर्नाटक, केरल।

इन राज्यों में हल्की बारिश होगी: हिमाचल, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, मध्य महाराष्ट्र, मराठावाड़ा, ओडिशा और तमिलनाडु में बिजली चमकने के साथ हल्की बारिश हो सकती है।

उत्तर भारत में बारिश की वजह से अब तक 600 मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें प्रभावित
उत्तर भारत में रेलवे ट्रैक पर जलभराव के कारण अब तक 600 मेल/एक्सप्रेस ट्रेनें प्रभावित हुई हैं। रेलवे ने गुरुवार को बताया कि 7 से 15 जुलाई तक 300 मेल/एक्सप्रेस और 406 पैसेंजर ट्रेनें रद्द की गई हैं। इनके अलावा, 100 ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट और 191 ट्रेनों के रास्ते बदल दिए गए हैं।

हिमाचल में लैंडस्लाइड और बाढ़ के कारण अब तक लगभग 90 लोगों की मौत हो गई है। हिमाचल के मंत्री रोहित ठाकुर ने बताया कि बारिश के कारण अब तक 4000 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी का नुकसान हो चुका है। इधर, मध्य प्रदेश के विदिशा में लगभग 20 गांवों में बाढ़ जैसे हालात हैं। भारी बारिश से लगभग 25 घर ढह चुके हैं।

वहीं, पंजाब में जालंधर के शाहकोट सहित अन्य जगहों पर श्मशानघाट भी बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं। लोगों को सड़क के किनारे अंतिम संस्कार करना पड़ रहा है।