देशभर में अमूल दूध 1 रुपये सस्ता हो गया है। गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) के मैनेजिंग डायरेक्टर जयेन मेहता ने बताया कि अमूल गोल्ड, अमूल शक्ति और अमूल फ्रेश की नई कीमतें 24 जनवरी से लागू कर दी गई हैं।
चुनाव से पहले बढ़े थे दाम
पिछले साल लोकसभा चुनाव नतीजों से पहले अमूल ने दूध के दाम बढ़ाए थे। अमूल गोल्ड की कीमत में 2 रुपये प्रति लीटर और अन्य उत्पादों में भी बढ़ोतरी की गई थी।
कीमत बढ़ाने की वजह
GCMMF ने कहा था कि प्रोडक्शन और ऑपरेशन की बढ़ती लागत के कारण कीमतों में इजाफा किया गया था। हालांकि, फरवरी 2023 के बाद से कोई बदलाव नहीं किया गया था।
अमूल का को-ऑपरेटिव मॉडल
अमूल का मॉडल तीन स्तरों पर काम करता है:
- डेयरी को-ऑपरेटिव सोसाइटी: यहां किसान सदस्य होते हैं।
- डिस्ट्रिक्ट मिल्क यूनियन: दूध की प्रोसेसिंग और प्रोडक्ट तैयार करती है।
- स्टेट मिल्क फेडरेशन: बाजार में सप्लाई का काम करती है।
इस मॉडल से करीब 15 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिलता है।
किसानों की आमदनी का हिसाब
गुजरात में 18,600 को-ऑपरेटिव सोसाइटीज और 36 लाख से ज्यादा किसान अमूल से जुड़े हैं। सुबह 5 बजे से दूध कलेक्शन शुरू होता है, और उसकी मात्रा और फैट कंटेंट पूरी तरह ऑटोमेटेड सिस्टम से नापी जाती है। किसानों को सीधे उनके बैंक खाते में पेमेंट किया जाता है।
पिरामिड मॉडल की खासियत
अमूल का पिरामिड मॉडल बिजनेस स्कूलों के लिए एक केस स्टडी बन चुका है। इसमें खर्च होने वाले हर रुपये में से 86 पैसे किसानों को दिए जाते हैं, जबकि 14 पैसे को-ऑपरेटिव के संचालन के लिए रखे जाते हैं।
मवेशियों की सेहत का ध्यान रखने के लिए किसानों को मुफ्त ट्रेनिंग दी जाती है। उनके लिए सब्सिडी पर उपकरण और सुपर स्पेशलिटी अस्पतालों की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है।
अमूल का यह मॉडल दिखाता है कि कैसे ग्रामीण किसान इस सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा उठा रहे हैं।