पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले में नामजद आरोपी नीरव मोदी के भाई निहाल मोदी को अमेरिका में गिरफ्तार कर लिया गया है। यह गिरफ्तारी 4 जुलाई को होनोलूलू में हुई, जिसकी पुष्टि अमेरिकी न्याय विभाग ने की है। भारत की प्रवर्तन निदेशालय (ED) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने उनके प्रत्यर्पण की अपील की थी।
निहाल मोदी पर न केवल 13,600 करोड़ रुपये के PNB घोटाले में शामिल होने का आरोप है, बल्कि अमेरिका में एलएलडी डायमंड्स कंपनी के साथ धोखाधड़ी का मामला भी उनके खिलाफ दर्ज है।
क्यों हुई गिरफ्तारी?
2019 में इंटरपोल ने निहाल मोदी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। इसके बाद भारत की जांच एजेंसियों ने 2021 में अमेरिका से उनके प्रत्यर्पण की औपचारिक मांग की थी। अधिकारियों के मुताबिक, निहाल ने नीरव मोदी की फर्जी कंपनियों और हवाला नेटवर्क के ज़रिए मनी लॉन्ड्रिंग में मदद की थी।
क्या है PNB घोटाला में निहाल की भूमिका?
CBI और ED की जांच में सामने आया है कि निहाल मोदी ने घोटाले के बाद दुबई में डिजिटल सबूत मिटाए, बड़ी मात्रा में हीरे, सोना और नकद गायब किया और गवाहों को धमकाया। उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और आपराधिक साजिश के तहत कार्रवाई की गई है।
क्या निहाल मोदी को भारत लाया जा सकता है?
निहाल की जमानत याचिका पर सुनवाई 17 जुलाई को अमेरिका की नेशनल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ऑफ होनोलूलू में होगी। भारत सरकार प्रत्यर्पण प्रक्रिया में जुटी है। हालांकि, यह प्रक्रिया लंबी हो सकती है क्योंकि निहाल के वकील भारत में निष्पक्ष सुनवाई न मिलने का तर्क दे सकते हैं।
गौरतलब है कि नीरव मोदी भी 2019 में लंदन में गिरफ्तार हुए थे, लेकिन उनके प्रत्यर्पण में अभी तक सफलता नहीं मिल पाई है। इसके बावजूद भारत और अमेरिका के बीच मजबूत प्रत्यर्पण संधि है, जो निहाल मोदी को भारत लाने का रास्ता खोल सकती है।