नई दिल्ली, 12 अप्रैल। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि स्व. अरुण जेटली जी को एक राजनेता कहना, उनके व्यक्तित्व को सीमित कर देना होगा। वे एक दृष्टा थे। एक ऐसे नेता, जिन्होंने राजनीति को केवल सत्ता तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे सेवा, सिद्धांत और समझदारी का माध्यम बनाया। विद्यार्थी जीवन से लेकर भारत सरकार के सबसे प्रभावशाली मंत्रियों में शामिल होने तक निश्चित रूप से उनकी यात्रा सत्य, साहस और सतत सेवा को समर्पित रही।
शनिवार को श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में आयोजित द्वितीय ‘द अरुण जेटली मेमोरियल डिबेट’ कार्यक्रम में शेखावत ने अरुण जेटली को भारतीय अर्थव्यवस्था का शिल्पकार बताया। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री के रूप में अरुण जेटली जी ने कई ऐतिहासिक और संरचनात्मक सुधार किए। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) आज भारत के एकीकृत कर प्रणाली की रीढ़ है, उसे लागू करना आसान नहीं था, लेकिन अरुण जी ने सहमति, संवाद और सहकारिता के अद्भुत संतुलन से इस सुधार को व्यवहार में उतारने में अहम योगदान दिया।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आर्थिक अनुशासन और पारदर्शिता के लिए अरुण जेटली जी ने जिस समर्पण से कार्य किया, वह आज भी प्रशंसनीय है। चाहे वह राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखना हो या डिजिटलीकरण को बढ़ावा देना हो, निश्चित रूप से उनका दृष्टिकोण दूरदर्शी और व्यवहारिक, दोनों था। शेखावत ने कहा कि अरुण जेटली जी ने केंद्रीय मंत्री के रूप में कई जिम्मेदारियों का निर्वहन किया और ऐसे कानून बनाने में अहम भूमिका निभाई, जो जनता के लिए सहूलियत वाले हों।
शेखावत ने कहा कि अरुण जेटली जी के पास रक्षा मंत्रालय, वित्त, कॉर्पोरेट मामले, कानून, सूचना और प्रसारण मंत्रालय जैसे कई महत्वपूर्ण पद थे, लेकिन उन्हें नौकरशाही से कभी परेशानी नहीं हुई। उन्होंने नौकरशाही को अपनी शक्ति को उजागर करने में मदद की, ताकि जनहित सेवा में उनका पूरी तरह से योगदान लिया जा सके, जिसमें वह उल्लेखनीय रूप से सफल रहे। शेखावत ने कहा कि अरुण जेटली को एक राजनेता कहना, उनके व्यक्तित्व को सीमित कर देना होगा। वे एक दृष्टा थे, एक ऐसे नेता, जिन्होंने राजनीति को केवल सत्ता तक सीमित नहीं रखा, बल्कि उसे सेवा, सिद्धांत और समझदारी का माध्यम बनाया।
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि विद्यार्थी जीवन से लेकर भारत सरकार के सबसे प्रभावशाली मंत्रियों में शामिल होने तक निश्चित रूप से उनकी यात्रा सत्य, साहस और सतत सेवा को समर्पित रही। आपातकाल के दौरान उनकी गिरफ्तारी और छात्र आंदोलन में उनकी भागीदारी ने उनके भीतर एक मजबूत लोकतांत्रिक भावना पैदा की, जो जीवन भर उनके निर्णयों में झलकती रही। शेखावत ने डिबेट में श्रेष्ठ प्रदर्शनकर्ता विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया। शेखावत ने कहा कि स्व.अरुण जेटली इस कॉलेज में छात्र रहे और यहां छात्र राजनीति में नाम बनाया। वे प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।