संसद के बजट सत्र के चौथे दिन (4 फरवरी) लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा शुरू हुई। सपा अध्यक्ष और सांसद अखिलेश यादव ने बहस की शुरुआत करते हुए प्रयागराज महाकुंभ हादसे का मुद्दा उठाया और मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए दो मिनट का मौन रखने की मांग की, जिसे स्पीकर ने खारिज कर दिया।
महाकुंभ हादसे को लेकर सरकार पर निशाना
अखिलेश यादव ने महाकुंभ में भगदड़ और प्रशासनिक अव्यवस्था को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “अगर सत्ता पक्ष को अपराध बोध नहीं है तो मृतकों की संख्या क्यों छिपाई जा रही है? डिजिटल कुंभ की बात करने वाली सरकार मृतकों की सही संख्या तक नहीं बता पा रही। खोया-पाया केंद्र ही नहीं मिल रहा।”
सपा अध्यक्ष ने कहा कि हादसे के बाद वहां “जूते-चप्पल और कपड़े बिखरे पड़े थे। लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने दुख प्रकट नहीं किया। जब पूरे देश में यह मुद्दा उठा, तब 17 घंटे बाद मौतों की संख्या बताई गई।” उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि “पहले अखाड़ों का स्नान रद्द कर दिया गया और जब विवाद बढ़ा तो दोबारा स्नान कराया गया।”
‘डबल इंजन सरकार फेल’, सेना को सौंपी जाए जिम्मेदारी
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि “महाकुंभ में डबल इंजन सरकार पूरी तरह फेल हो गई है। इसकी जिम्मेदारी सेना को सौंपी जानी चाहिए।”
इस बीच, आज शाम 5 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपनी प्रतिक्रिया देंगे। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हुआ था, जिसमें पहला चरण 13 फरवरी तक चलेगा, जबकि दूसरा चरण 10 मार्च से 14 अप्रैल तक होगा। इस सत्र में 16 विधेयक पेश किए जाने की संभावना है, जिनमें से 12 पहले ही मानसून और शीतकालीन सत्र में पेश किए जा चुके हैं।