संसद के बजट सत्र के तीसरे दिन विपक्ष ने महाकुंभ भगदड़ में हुई मौतों को लेकर सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस और सपा समेत कई विपक्षी दलों ने सरकार पर मौत का आंकड़ा छिपाने का आरोप लगाया और दोनों सदनों में हंगामा किया।
राज्यसभा में खड़गे का बयान, सभापति ने वापस लेने को कहा
राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “29 जनवरी को महाकुंभ में भगदड़ के कारण हजारों लोग मारे गए।” इस पर सभापति जगदीप धनखड़ ने उन्हें बयान वापस लेने को कहा।
खड़गे ने जवाब में कहा, “यह मेरा अनुमान है। अगर आंकड़े सही नहीं हैं तो सरकार को सच्चाई बतानी चाहिए। अगर मैं गलत हूं तो माफी मांगने को तैयार हूं।”
लोकसभा में हंगामा, विपक्ष का वॉकआउट
लोकसभा में भी विपक्षी सांसदों ने वेल तक पहुंचकर नारेबाजी की और महाकुंभ भगदड़ पर चर्चा की मांग की। स्पीकर ओम बिरला ने नाराजगी जताते हुए कहा, “आपको जनता ने सवाल पूछने भेजा है, मेज तोड़ने नहीं।”
विपक्षी सांसदों ने “योगी सरकार इस्तीफा दो” और “सरकार आंकड़े जारी करे” के नारे लगाए। इसके बाद विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया लेकिन कुछ देर बाद लौट आया।
अखिलेश यादव और जया बच्चन ने सरकार को घेरा
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा, “सरकार श्रद्धालुओं की संख्या बता सकती है, लेकिन मृतकों का सही आंकड़ा नहीं दे रही। यह पहला मौका है जब कोई मुख्यमंत्री सच स्वीकार नहीं कर रहा।”
सपा सांसद जया बच्चन ने कहा, “सरकार को मृतकों की संख्या बतानी चाहिए। व्यवस्थाएं आम जनता के लिए नहीं, बल्कि VIPs के लिए थीं।”
यूपी सरकार ने 17 घंटे बाद 30 मौतों की पुष्टि की
28 जनवरी को प्रयागराज के संगम तट पर मौनी अमावस्या के अमृत स्नान से पहले रात 2 बजे भगदड़ मच गई थी। प्रशासन के मुताबिक, संगम और अन्य घाटों पर 8 से 10 करोड़ श्रद्धालु पहुंचे थे।
यूपी सरकार ने 17 घंटे बाद 30 लोगों की मौत और 60 के घायल होने की पुष्टि की। हालांकि, विपक्ष और स्थानीय रिपोर्ट्स का दावा है कि मृतकों की संख्या सरकार के दावे से कहीं ज्यादा है।