जयपुर में शनिवार शाम संगीतप्रेमियों के लिए एक खास मौका बना, जब सूफी सिंगर सतिंदर सरताज ने ‘महफिल-ए-सरताज’ नाम से जी स्टूडियो में लाइव परफॉर्मेंस दी। अपने दिल छू लेने वाले गीतों और सूफियाना अंदाज़ के लिए पहचाने जाने वाले सरताज ने मंच से जयपुर और राजस्थान के प्रति अपने लगाव का इज़हार किया।
सरताज ने शो की शुरुआत करने से पहले दर्शकों की ओर हाथ से दिल का इशारा बनाकर शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा, “जब भी भारतीय संस्कृति की बात होती है, तो राजस्थान सबसे पहले ज़हन में आता है। मुझे पिंक सिटी से खास लगाव है, इसलिए मैंने आज खास तौर पर गुलाबी कुर्ता पहना है।”
भीड़ में दिखा फैन क्रेज
शो को लेकर जयपुर समेत आस-पास के शहरों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। संगीत प्रेमियों की उत्सुकता का आलम यह रहा कि सरताज के साथ हजारों की भीड़ एक सुर में गाने गा रही थी। इस दृश्य को खुद सरताज ने अपने फोन में रिकॉर्ड किया।
कार्यक्रम के स्थानीय आयोजक राहुल राजपुरोहित ने बताया कि शो को एक “इमोशनल और कल्चरल एक्सपीरियंस” की तरह तैयार किया गया था। उन्होंने बताया कि 600 से ज्यादा वाहनों के पार्किंग इंतज़ाम किए गए थे।
संगीत से आत्मा को छूने वाला सफर
सतिंदर सरताज सिर्फ एक गायक नहीं बल्कि सूफी परंपरा के संवाहक भी माने जाते हैं। उनके गानों में प्रेम, आध्यात्म और शांति की गूंज होती है। ‘साईं’ गाने से पहचान बनाने वाले सरताज ने सूफी संगीत में पीएचडी की है। वे शास्त्रीय संगीत, सूफी मंत्रों और फारसी भाषा में भी गहन अध्ययन कर चुके हैं।
उनके लोकप्रिय गीत ‘हो लावां इश्क़ दे अंबरी उड़ारियां’ और ‘सानू प्यार दियां चढ़ियां खुमारियां’ जैसे कई सूफियाना नग़मे संगीतप्रेमियों के दिलों में गहराई से बसे हैं।
जयपुर में हुआ यह शो न सिर्फ एक संगीत आयोजन था, बल्कि सूफियाना जज़्बातों से भरी एक यात्रा थी, जिसे दर्शक शायद लंबे समय तक याद रखेंगे।